Jul 18, 2023

हिन्दुत्व

एक दिन बैठे बड़ बड़ ज्ञानी, धर्मगुरुओं का हुआ आगाज
सारे धर्म वास्तव में क्या है, चलो मीमांसा कर लें आज

 

विश्व के विभिन्न धर्मों के, नियम कानून बताते जाते

क्या करना क्या नहीं करना, सबका सीमांकन करवाते

 

हिन्दू धर्म की बात चली तो, बोले पण्डित से पादरी काजी

हम करते हैं इसकी व्याख्या, तुम करते जाओ हाँजी नाजी।

 

बुतपरस्ती ही करते तुम सब, उसके बिना चले न काम

रामायण का वाचन करते, माला जपते राम और श्याम

पण्डित बोले नाजी नाजी, वेदों में नहीं सगुण साकार

निर्गुण कबीर रैदास जायसी, महिमा गाते ब्रह्म निराकार

 

घण्टा और घड़ियाल बजाते, भजन कीर्तन से करते हल्ला

बिना शोर भगवान मिलें न, उठकर बोल पड़ा एक मुल्ला

सहजयोग में गहन ध्यान हो, परम शांति की चिरनिद्रा निलय  

अँतर्मुखी शक्ति प्रज्वलन से होता, कुण्डलिनी का ब्रह्म विलय

 

माँस मछली खाते नहीं, शाकाहारी का बन गया रिवाज

सबसे बड़ा हिन्दू तो वो है, जो न खाये लहसुन व प्याज

बंगाली आसामी नेपाली, खाते माँसाहार बारहों मास

दुर्गापूजा नवरात्रि पे भी, बलि से बुझती देवी तास

 

ऐसी चर्चा सुनकर भैया, धर्मगुरुओं का गरम हुआ मिजाज

परिभाषित हम करें तो कैसे, कोई तो युक्ति बताओ आज

धीरज रख के ध्यान धरो अब, पण्डित का निकला उद्गार

हिन्दुत्व एक अनोखा यंत्र है, जिसके तारों से हो यलगार

 

सनातन है नाम इसका, आदि है न अंत

बाँध सके न परिभाषा, महिमा इसकी अनंत

ऊपर विशाल नीला व्योम, कहाँ है उसका अंत

कालचक्र कब हुआ आरंभ, कब होगा घूमना बंद  

 

तो इसको रचने वाला ईश्वर, कैसे बंधेगा तुमसे दैया

बालयोगी श्याम को भी, न बाँध सकी थी उसकी मैया

निर्गुण सगुण हिंसक अहिंसक, या हो मांसा शाकाहारी

नास्तिक भी हिन्दू कहलाकर, हो जाते हैं  बलिहारी

 

सब पंथों के ग्रंथों की बातें, पत्थर की होय लकीर

नहीं बदलते इंच मात्र, जो कह गये उनके फकीर

समाज सुधार का अल्प प्रयास, मार बना देगा हलवा

विश्व के कितने कोनों से, निकल पड़ेगा ढेरों फतवा   

 

मानव समाज के हर सुधार का, सनातन करता स्वागत

नानक महावीर गौतम कबीर, न जाने कितने आवत  

बहुविवाह बालविवाह विधवाविवाहनिषेध, सती दहेज उत्पीड़न  

संसद में कानून बना, इन कुरीतियों का कर डाला उन्मूलन

 

जहाँ विश्व के अन्य धर्मों में, पृथ्वी पर ईश्वर दूत ही आये

जीसस गॉड का तो मोहम्मद अल्ला का, पैगाम यहाँ सुनाये

वहीं सनातन आस्था में देखो, ईश्वर ने स्वयं लिया अवतार  

राम श्याम वामन वराह नरसिंह बनकर, आते गए दस बार 

 

भगवद्गीता श्लोकों के ज्ञान का, विज्ञान भी मानता सानी

क्योंकि यह साक्षात ईश्वर के मुख से, है निकली हुई वाणी

वसुन्धरा की सनातन संस्कृति, विश्व-गुरुओं का केंद्र बिन्दू है

सनातनियों क्यों इतना सकुचाते ही, गर्व से कहो हम हिन्दू हैं  

Jul 17, 2023

नया माल

एक लखनवी नवाब
पीते शराब
खाते कबाब
शौकीने शबाब

हुस्न को परखते थे
जुल्फों में उलझते थे
किस रक्कासा की हैं जुल्फें
सूँघ के ही बकरते थे

ये है महरुन्निसा की
ऊपर वाली चमेलीबाई
दाहिने है रुखसाना की
तो बाएं पड़ी है जोहराबाई

बीरबल का पोता लखनऊ आया
मसखरी करने का शौक चर्राया
गधी के बाल थैली में भरवाया
नवाब के सामने पेश करवाया

सूँघ के नवाब होते रहे हलकान
बढ़ती गई खीझ हुये परेशान
फिर जोर से चिल्लाये, नवाब ने अता फरमाया है
कोचवान इरफान, बग्घी निकालो, लखनऊ में नया माल आया है